अधिवक्ता कपल मर्डर केस पर, अकोला बार एसोसिएशन द्वारा किया गया निषेध

अधिवक्ता कपल मर्डर केस पर अकोला बार एसोसिएशन द्वारा किया गया निषेध
अकोला - राहुरी न्यायालय में प्रेक्टिस करने वाले अधिवक्ता दंपति की पक्षकार द्वारा षड्यंत्र रचकर हत्या करने की घटना सामने आई है। इस हत्याकांड को लेकर अकोला बार एसोसिएशन द्वारा निषेध व्यक्त किया गया है और एक दिन कामकाज नहीं करने का निर्णय लिया है। अधिवक्ता सुरक्षा कानून तुरंत लागू किया जाए इस प्रकार की मांग का निवेदन जिलाधिकारी अजीत कुंभार को दिया गया।
अकोला बार एसोसिएशन के सदस्यों ने 29 जनवरी 2024 को सर्व साधारण सभा ली थी. इस सभा में अधिवक्ता दंपति की हत्या का निषेध कर एक दिन का कामकाज बंद रखते हुए और सरकार को निवेदन देने का प्रस्ताव पारित किया था। राज्य सरकार को संदेश देने के लिए और अधिवक्ताओं के सुरक्षा का कानून पास करने के लिए इस सभा में चर्चा की गई।
अकोला बार एसोसिएशन की सर्वसाधारण सभा 29 जनवरी 2024 को सुबह 11:30 बजे बार के सभागृह में ली गई. एडवोकेट राजाराम अढाव और श्रीमती मनीषा अढाव इन दोनों अधिवक्ताओं की बेदर्दी से हत्या करने के संदर्भ में चर्चा की गई और प्रस्ताव मंजूर किया गया. इसके बाद चर्चा पर विनिमय विमर्श किया गया पुलिस महानिरीक्षक, जिला पुलिस अधीक्षक अहमदनगर, अकोला के जिलाधिकारी को इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने के लिए आवश्यक कदम उठाने की मांग की गई. 
अधिवक्ता कपल मर्डर केस पर अकोला बार एसोसिएशन द्वारा किया गया निषेध
न्याय के प्रशासन के लिए फौजदारी न्यायालय सहित तीन शाखा है जो कार्यरत है जिसमें न्यायिक अधिकारी, पुलिस और अधिवक्ता शामिल है जिसमें शिकायत करता और बचाव पक्ष के वकील का समावेश होता है।
न्यायिक अधिकारी कानून के अंतर्गत  अधिकारियों को सुरक्षा है लोक सेवक होने वाले अन्य पुलिस विभाग को भी सुरक्षा दी जाती है. सीआरपीसी के 197 इस प्रकार लोक सेवक पर हमला यह गैर जमानती अपराध के अंतर्गत शिक्षा के पात्र है, 353 आईपीसी तथापि केवल बचाव पक्ष के वकीलों को किसी भी प्रकार के कानून की सुरक्षा नहीं है जिसके कारण राज्य सरकार ने वकीलों पर हमला न हो इसके लिए वकील सुरक्षा कानून जल्द से जल्द लागू करें इस प्रकार वकील परिवार को न्याय दे इस प्रकार की मांग निवेदन में की गई है।
इस अवसर पर अकोला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य मोतीसिंह मोहता, बीके गांधी, प्रवीण तायडे, धीरज शुक्ला, देवाशीष काकड़, अजीत देशमुख सहित सैकड़ो वकील उपस्थित थे.
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